ऐसे देश जिनके यहाँ सिनेमा थिएटर की संख्या सबसे कम है।

 ऐसे देश जिनके यहाँ सिनेमा थिएटर की संख्या सबसे कम है।



"हर वर्ष नए फिल्मे बनते रहते है। जो फिल्म ट्रेंडिंग में है हम उससे ही जाके नजदीकी सिनेमा घरों में देखते है। भारत में जनसँख्या के हिसाब से थेटर्स की संख्या ठीक-ठाक है।  

परन्तु , दुनिया में कुछ ऐसे भी देश है जिनके यहाँ सबसे कम सिनेमा घर पाएं जाते है। आज हम उसी की चर्चा करेंगे। " 

किन-किन देशों में सबसे कम सिनेमा घर या Theatre है ? 

ऐसे कई देश हैं जहां प्रमुख फिल्म उद्योग नहीं है। जबकि सिनेमा इन देशों में कुछ हद तक मौजूद हो सकता है, यह अन्य देशों की तरह विकसित या व्यापक नहीं हो सकता है।

इंटरनेट से काफी खोज के बाद हमें कुछ ऐसे देशों के नाम मिले है जिनके पास सिर्फ कुछ चुनिंदा सिनेमा घर है। उनके नाम कुछ इस प्रकार है - 

१ भूटान :  Cinema of Bhutan 

भूटान यु तो काफी शांत और सांस्कृतिक विरासत वाला देश है। परन्तु , इस देश में कला और कल्चर की विरासत को भी देखा गया है। भूटान ने सांस्कृतिक और कल्चरल म्यूजिक और drama को अधिक महत्व दिया  है। यह मनोरंजन का एक साधन है और वह के लोग बड़े शान से अपनी संस्कृति को गाने और म्यूजिक के रूप में अपनाकर आनंद उठाते है। 



भूटान में एक छोटा और अपेक्षाकृत नया फिल्म उद्योग है, जहां हर साल कुछ फिल्मों का निर्माण होता है। हालाँकि, उद्योग अभी भी विकास के अपने प्रारंभिक चरण में है। 

साल १९९९ तक भूटान के पास एक भी सिनमे घर नहीं था। इस देश का पहला आधुनिक सिनेमा हॉल, लूगर थिएटर, 1999 में राजधानी थिम्पू में स्थापित किया गया था। परन्तु , लुगर थिएटर से पहले वहाँ के लोग सामुदायिक थिएटर या ओपन-एयर प्लेसेस पे फिल्म देखना पसंद करते थे। 

वर्तमान समय  में भूटान  के पास कुल 12 सिनेमा थिएटर्स है। उसके साथ ही कुछ ऐसे भी थिएटर्स है जिनका निर्माण हो रहा है और आने वाले वर्षो में वे तैयार भी हो जायेंगे। 


२ मालदीव : Cinema of Maldives 


हनीमून मानाने के लिए फेमस जगह मालदीव्स में मूवी थेटर्स काफी कम है।  सुनने में थोड़ा अजीब लगता है की जिस देश में लाखों सैलानी मौज-मस्ती के लिया आते है पर फिर भी उनके यहाँ सिनेमा घर इतना कम। यह कैसे हो सकता है ?


 वेल ,मालदीव में एक छोटा फिल्म उद्योग है जो मुख्य रूप से स्थानीय सामग्री के उत्पादन पर केंद्रित है। हालाँकि, इसकी छोटी आबादी और सीमित संसाधनों के कारण, उद्योग अपेक्षाकृत थोड़ा कम बना हुआ है।

साल १९९० से ही मालदीव्स में सिनेमा घरों का विकास होने लगा था। वर्तमान समय में मालदीव के पास १८-२० पब्लिक थिएटर्स हो सकते है। यह आंकड़ा हमें इंटरनेट की सहायता से मिला है। कुछ और भी सिनेमा घर हो सकते है , जो निर्माण हो रहे है और वे आने वाले वक्त में तैयार हो जायेंगे।

olyumpus सिनेमा , Empire सिनेमा , complex सिनेमा , आदि कुछ फेमस मालदीव्स थिएटर्स के नाम है। वहाँ के लोग और सैलानी हनीमून के साथ-साथ वहाँ पर पर फिल्मे  देखने आते है।

अगर मालदीव्स से compare करे तो यह आंकड़ा काफी कम है भारत से ।

३ किरिबाती : Not available

किरिबाती आइलैंड पसिफ़िक के केंद्र में स्थित  पर्यटक उद्योग पे निर्भर एक टापू है। इस देश के पास खुदकी आधिकारिक सैन्य संगठन भी नहीं है। 



किरिबाती अपने जीवंत पारंपरिक नृत्यों के लिए जाना जाता है, जैसे "te Buki " और "te Kaimatoa"। और ताज्जुब की बात यह है की २१ सदी में भी इस देश के पास एक भी सिनेमा घर नहीं है। लेकिन टेलीविज़न पर विदेशी फिल्मे और सीरियल, न्यूज़, इत्यादि देखी जा सकती है। 

अपनी छोटी आबादी और सीमित संसाधनों के कारण इस देश में औपचारिक मूवी थिएटर या सिनेमा हॉल नहीं हैं जहाँ फिल्मों को नियमित रूप से प्रदर्शित किया जाता है।

यहाँ पर लोग सांस्कृतिक नृत्य को सामूहिक तौर पर देखना पसंद करते है। यहाँ पर सैलानी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग,वेबसेरिएस , और community स्ट्रीमिंग का लुप्त उठाते है।  


४ उत्तरी कोरिया : Korean Film Studio

यह देश कम्युनिस्ट शासित देश है। यहाँ पर तानाशाही की हद इतनी है की आप अंदाजा लगा सकते हो की इस देश  में अंतर्राष्ट्रीय फिल्मो को देखने पर पाबन्दी है। यहाँ पर टीवी , और फिल्मे देखेंजा सकते है , पर उसके लिए एक कंडीशन है। कंडीशन यह है की वह फिल्म, न्यूज़ या सीरियल वह के वर्तमान तानाशाह पर निर्धारित होना मंगता है । 

कोरियाई फील स्टूडियो साल १९४७ में आयोजित किया गया था। यह फिल्म इंडस्ट्री जायजा लेती है की सभी फिल्मों को कामगार , पार्टी ऑफ कोरिया द्वारा निर्धारित राजनीतिक और वैचारिक दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। यहाँ पर वेबसेरिएस , ऑनलाइन स्ट्रीमिंग , आदि की सुविधा नहीं है। पर्यटक जो उत्तरी कोरिया जाते है तो उन्हें काफी सुना-सुना सा लगता है। क्युकी मनोरंजन का साधन वह पर काफी कम है। 

५ लाओस : Cinema of Laos 

दक्षिण एशिया में स्थित यह देश अपने अद्भुत दृश्यों, प्राचीन गांवों और चट्टानी भूमि के लिए प्रसिद्ध है। लाओस में सिनेमा साल १९७५ से प्रवेश करना शुरू कर दिया था। यहाँ पर मूवी थिएटर सांस्कृतिक कार्यक्रमों को दिखते है। वह के लोग भी इसका लुप्त उठाते है। 

लाओस में फिल्म उद्योग अभी भी विकसित हो रहा है। हाल के वर्षों में, लाओस में सिनेमा और थिएटर के बुनियादी ढांचे के विस्तार और सुधार के प्रयास किए गए हैं। दुनियाभर से काफी पर्यटक लाओस देश में प्राकृर्तिक दृश्य जैसे चट्टानी और हरीभरी मैंदानो को देखने आते है। इसे साथ ही अगर वह पर सिनेमा घर बन जाते है तो पर्यटकों को और मनोरंजन मिलेगा और उनकी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। 

पिछले कुछ दशकों से लाओस में सिर्फ ४ थिएटर्स को देखा गया है। कम थिएटर्स  होने के कई कारण हो सकते है जैसे जनसंख्या , आर्थिक स्थिति और सांस्कृतिक प्राथमिकताएँ।
रॉयल बैले थिएटर , मेजर सिनेप्लेक्स , lao  chaleun ,आदि कुछ फेमस लाओस के सिनेमा घर है। 

कुछ फैक्ट्स:


"Theatre " शब्द का मीनिंग क्या होता है ?
 ➤ दरअसल , थिएटर अंग्रेजी शब्द नहीं है। थिएटर यह शब्द एक प्राचीन 'ग्रीक ' भाषा से आता है। इसका मतलब "देखने की जगह" होता है  ।
 प्राचीन ग्रीक वासी देखने की जगह को थिएटर कहते थे।
एशिया का सबसे पुराना थेटर्स कहाँ पर स्थित है ?
 ➤ एशिया का सबसे पुराना थिएटर भारत में स्थित है। यह थिएटर भारत के 'छत्तीसगढ़' राज्य में स्थित है। शोध्कर्ताओ के अनुसार यह थिएटर ३-४ वी सदी में बनकर तैयार हो गया था।
मूवी टिकट से भारतीय सरकार कितना कमा लेती है ?
 ➤दरअसल, मूवीज भारत में सर्विस केटेगरी में आता है तो जाहिर सी बात है की उसपर GST जरूर लगेगा। अगर किसी फिल्म की टिकट १०० रूपए से ज्यादा है तो उसपर १८ फीसदी का टैक्स लगेगा ।
भारत में सबसे मेहेंगे थिएटर्स कहाँ पर पाएं जाते है ?
 ➤दरअसल, भारत की आर्धिक शहर 'मुंबई' में सबसे मेहेंगे टिकट वाले थिएटर्स पाएं जाते है। यह एक मल्टीप्लेक्स सिनेमा है जहाँ पर आपको luxurious होने के अहसाँस होगा। 
 यहाँ पर ₹२००-₹२००० तक फ़िल्मों के टिकट मिलते है।



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