किसने बनाया सदी का पहला प्लास्टिक बोतल ?
"आज का युग प्लास्टिक नाम के केमिकल से भरा पड़ा है । प्लास्टिक तो हर जगह फैला हुआ है तथा इसके परिणाम से हम भी परिचित है। इनमें मुख्या तौर पर प्लास्टिक के बोलतो से काफी प्रदूषण हुआ है। परन्तु , कभी आपने सोचा है की जिन प्लास्टिक के बोत्त्लों से आज मानव पीढ़ी पीड़ित है , उसे किसने बनाया होगा ? किसके दिमाक में आया होगा की घड़े को छोड़कर किसी और चीज़ में भी पानी भरकर लाया जा सकता है ? "
आज हम आपको उसी व्यक्ति के बारे में बताएँगे , जिसने प्लास्टिक से बोतल बनाने की इन्वेंशन की। इसके लिए हमें उस व्यक्ति तथा प्लास्टिक के बोतल का इतिहास जानना पड़ेगा।
Source:
Internet.
• पानी के बोत्त्लों का इतिहास और व्यापर :
दरअसल, १६०० वि शाताब्दी में , पश्चिमी देशों में पानी बेचने का व्यापर बहुत होता था। वही ' दी होली बेल बॉटलिंग प्लांट ', यूनाइटेड किंगडम में स्थित विश्व का पहला बॉटलिंग वाटर प्लांट था। ऐसा मन जाता है की बोतल बंद पानी की बिक्री साल १६६२ में हुई थी। इससे व्यापर करने का मुख्या कारण यही था की झरने के पानी का कथित औषधीय मूल्य लोगो के सेहत को फ़ायदा पहुँचाता था। यूरोप में फार्मेसी में औषधि के तौर पे इसका इस्तेमाल होता था।
साल १७०० में , धीरे -धीरे लोगों को इसकी अहमियत समझी की पानी में बहुत से गुण होते है ; फिर बोतल में पानी भरकर इसका व्यापर बढ़ने लगा। फिर इसके प्रचार होने लगा लोगों में। इसे देखकर और समझकर साल १७६७ में अमेरिका के "बोस्टन" शहर में रहने वाले 'जैक्सन स्पा ' नाम के व्यक्ति ने पहला व्यवसाय रूप से पहला बोतलद वाटर यानी 'बोतलबंद जल' को बनाया। इससे दूर-दूर रहने वाले लोगों को पानी पहुंचने में आसानी हुई तथा उनको इसका महत्व समझा। इसतरह , कई लोगों ने पानी के गुण तथा फायदे को भी समझा। पानी को कही ले जाने के लिए अब आसानी होनी लगी।
वैसे ही इतने इन्वेंशन हो रहे थे उसमें ' जोसफ हॉकिंग्स ' नाम के व्यक्ति ने साल १८०९ में ' कार्बोनेटेड पानी ' को बना दिया। यह वही पीने वाली चीज़ है जिसे हम कोल्डड्रिंक समझकर पीते है। मतलब कोल्ड ड्रिंक यही से बना है। अगर व्यापर की बात करे तो साल १८५६ में ७० लाख से भी ज्यादा बोत्तले बिक चुकी थी अमेरिका के नई यॉर्क शहर में। हाला की अभी तक प्लास्टिक के बोतल का इन्वेंशन नहीं हुआ था। यह तो साधरण बोतल था |
फिर १९४७ प्लास्टिक के बोत्तल को पहली बार इस्तेमाल किया। पर यह मेहेंगा होने के कारण काफी लोग इसे खरीद नहीं पा रहे थे। १९५० में इसमें
' High-Density Polyethylene ' पॉलीमर को मिला दिया गया था। इसकी लोकप्रिय ज्यादा नहीं थी। इसकी गुणवत्ता ज्यादा थी जैसे 'बकेट ' की । यह बकेट जितना मजबूत था। पर यह हल्का नहीं था। आगे जाकर हल्का , टिकाऊ और मजबूत प्लास्टिक बोत्तल को भी बना लिया गया।
• प्लास्टिक के बोत्त्लों को बनाने वाला व्यक्ति :
विश्व का पहला प्लास्टिक बोत्तल व्यवसाहिक रूप से बनाया गया था। साल १९७३ में , ड्यूपॉन्ट के इंजीनियर(company), ' नथानिएल वायथ ' ( Nathenial Wyeth) नाम के व्यक्ति ने पहला प्लास्टिक बोत्तल बनाया था। उसने ' Polyethylene Terephthalate ' [PET] नाम के पॉलीमर से बोतल बनाया था। इस केमिकल को आज के समय में भी इस्तेमाल किया जाता है। आज कांच की गिलास जी जगह हम प्लास्टिक बोत्तल का इस्तमाल करते है , जो वजन में काफी हल्का है , साथ ही टूटने का डर भी नहीं रहता। यह बोत्तल कार्बोनेटेड पानी के प्रेशर को भी झेल सकता है।
आज पूरी दुनिया प्लास्टिक के बोत्तल से पानी पीती है। पर हमें पता है की यह हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इससे अच्छा है की हम मटके का पानी पिए ; उसमे पानी ठंडा भी रहता है और पर्यावरण को नुक्सान भी नहीं पहुँचता। इसी में हम मनुष्य की भलाई है।
इसप्रकार प्लास्टिक के बोत्तल का अविष्कार हुआ। आशा है ,आपको हमारा व्याख्यान समझा होगा।
Thanking you,
A houseship vlog .
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