जाने भारत में इलाइची उत्पादन से भारतीय किसान कितना मुनाफा कमा रहे है ?

जाने भारत में इलाइची उत्पादन से भारतीय किसान कितना मुनाफा कमा रहे है ?

भारत देश एक कृषि प्रधान देश है। विविध प्रकार के फसलों का उत्पादन भारत में होता है। भारत में चावल, गन्ना ,गुड़ , बाजरा , कॉटन और जूत , आदि का उत्पादन भरी मात्रा में होता है। उन्हीं में से  ' इलाइची' नाम से मशहूर ,खाने का पदार्थ जिसे हम 'खीर' में स्वाद के लिए मिलाते है तथा उसकी खुशबू मन-मोह लेती है ; उसी के बारे में चर्चा करेंगे। 

• इलाइची को उत्पादन करने वाले देश। 

वर्तमान समय की बात करे तो 'भारत' और 'ग्वाटेमाला' सबसे ज्यादा इलाइची का उत्पादन करते  है।

Countries with most  Cardamon production

Guatemala   

India

Indonesia

Nepal

Sri Lanka

Vietnam

Bhutan


इंडिया, ग्वाटेमाला ,श्रीलंका  , तंजानिया , आदि जैसे देश इलाइची उत्पादन में काफी आगे है। 


• भारत के किस राज्य में इलाइची का उत्पादन होता है ?

 भारत में मुख्या रुपए से बात करे तो खीर , सांभर (चटनी),दाल मखनी ,मलाई कुल्फी , पनीर मखनी , आदि स्वादिष्ट व्यंजनों में इलाइची का इस्तेमाल होता है।  भारत में दो प्रकार के इलाइची उत्पादन होता है - छोटी इलाइची और बड़ी इलाइची। 


छोटी इलाइची - दरअसल , छोटी इलाइची भारत के दक्षिण क्षेत्र (South India ) में उगाया जाता है। ज्यादातर तमिल नाडु , केरला , और कर्नाटक। इनमें से 'केरला' में भारी मात्रा उत्पादन होता है। 

अकेले केरला की बात करे तो , ५०,००० हेक्टेयर ज़मीन पर हर साल करीब २०,००० टन हरी इलाइची(Green Elaichi) का उत्पादन होता है। दरअसल , केरला में मसाला और इलाइची का काफी इतिहास रहा है। कई वर्षो पहले से ही केरला में इलाइची उत्पाद होता आ रहा है , जिसके कारण वहाँ पर व्यापर बहुत हुआ।

बड़ी इलाइची -  बड़ी इलाइची खासकर भारत के उत्तरी क्षेत्र (North India) में उगाया जाता है। बड़ी इलाइची भारत के सिक्किम , दार्जीलिंग और अरुणाचल प्रदेश , आदि जैसे राज्यों में उत्पादित होता है। उत्तराखंड और कई हिमालयन क्षेत्रों में इसका उत्पादन होता है। बड़ी इलाइची की खुशबू काफी सुखद लगती है। शायद यही खीर में भी डाला जाता है। इसके साथ ही बड़ी इलाइची में छोटे मात्रा में जरूरतमद तेल होता है , जो आयुर्वेदिक मेडिसिन में काम आता है। 

अकेले सिक्किम की बात करे तो , २०,००० हेक्टेयर ज़मीन में करीब ५,००० काली इलाइची(Black Elaichi) का उत्पादन होता है। काली इलाइची हलके भूरे रंग - काले रंग की होती है।   

• इलाइची का इतिहास| [india]

इलाइची को सबसे पहली बार 'भारत' में देखा गया था। इलाइची का पौधा सबसे पहली बार भारत के दक्षिणी इलाको में पाया गया था। इसमें काफी औषधीय गुण होते है। इलाइची का इस्तेमाल करीब ४,००० वर्षो से चलते आ रहा है । बड़ी और छोटी इलाइची का व्यापर भारत से ही होता था।  

यूरोपी देश भारत से ही इलाइची खरीदते थे। अंग्रेजो ने इलाइची का बागान १९ वि शताब्दी में किया था।  उन्होंने भारत और ग्वाटेमाला जैसे देशो में इलाइची का बागान किया और उसे अपने देश में लेजाकर व्यापर किया , मुनाफा कमाया। आज हम जानते है की भारत के  'केरला ' जगह में इलाइची का खुप उत्पादन होता है ;साथ ही  ग्वाटेमाला के ' अलता वेरापज ' नाम के जगह पर भी भरपूर उत्पादन होता  है । अंग्रेज़ो के दौर में भारत और वेस्ट इंडीज , देशो में दोनों  इलाइची (black & green ) का उत्पादन होता था।  आज के तारीख में , स्वादिष्ट भोजन में इलाइची का उपयोग जरूर होता है। सिर्फ भारत में ही नहीं , विदेशो में भी इलाइची को पसंद किया जाता है।'Egypt' के लोग इसे औषधि के रूप में इस्तमाल करते थे।   

• इलाइची के फायदे।

इलाइची में स्वाद के साथ-साथ और काफी गुण होते है। इलाइची के अंदर 'एंटीऑक्सिडेंट्स' होते है ,जो हमारे सेल्स को बचाते है ,फ्री रेडिकल्स से । इसका सेवन करने से दिल के रोगों से बचा जा सकता है। रोज खाना  खाने के बाद इलाइची का सेवन करने से पाचन क्रिया स्वस्थ रहती है; एसिडिटी जैसी  समस्या भी कम हो सकती है।

एक स्टडी में  पाया गया है ,की इलाइची के सेवन से कैंसर के  Tumour को कम किया जा सकता है ।  यह एक कुदरती औषधि है जो सूजन को काम करती है। इसका स्वाद हमारा मन - मोह लेता है , जिससे डिप्रेशन से छुटकारा पाया जा सकता है। रोज इलाइची को चाय में मिलाकर और पीने से डिप्रेशन दूर हो जाता हैं।  साथ ही हम आपको बता दे की इलाइची से अस्थमा में काफी सहायता मिलती है।  हमारे लंग में जो सूजन हुआ है ,उसे इलाइची ठीक कर देता है। शहद के बाद सबसे ज्यादा लाभकारी चीज़ , अस्थमा को ठीक करने में 'इलाइची ' ही है।   

अगर हमारा मुँह बासी है, तो इलाइची को  दाँत से चबा ने से बासी हवा दूर हो जाती  है। इलाइची में - Manganese  भरा होता है , इसके कारण डायबिटीज को कम किया जा सकता है।  ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए इलाइची को अवश्य अपने भोजन में डालें। खीर में डाल के खाए , जिससे स्वाद भी आए और शरीर भी स्वस्थ रहे। शहद और इलाइची का पेस्ट , चेहरे पे लगाने से चेहरे खिल उठता है और स्वस्थ रहता है। 

इसप्रकार , इलाइची के कई फायदे है , जिन्हें हम अपने रोज मर्रा के जिंदगी में इस्तेमाल कर सकते है। 

• विश्व में सबसे ज्यादा इलाइची निर्यात करने वाले देश।

ये तो पता चल गया की कोनसे देश इलाइची का उत्पादन ज्यादा करते है। अभी हम जानेंगे कौनसे देश सबसे ज्यादा इलाइची का निर्यात करते है।  

Countries with largest Cardamon exports

Rank(latest)

Guatemala

1

India

2

United Arab emirates

3

Indonesia

4

Nepal

5

Netherlands

6

United kingdom

7

bhutan

8


• विश्व में सबसे ज्यादा इलाइची आयात करने वाले देश।

विश्व के कुछ ऐसे देश जो इलाइची का आयात करते है।   

Countries with highest Cardamon imports

Ranks(latest)

Saudi Arabia

1

United Arab Emirates

2

China

3

India

4

Bangladesh

5

Jordan

6

Egypt

7

Russia

8

• इलाइची से भारतीय  किसान कितना कमा रहे है ?

बड़ी इलाइची - उत्तरी भारत में उगने वाला इलाइची से किसान काफी खुश है , इलाइची के उत्पादन से। यह इलाइची बाज़ारो में १,००० - ३,००० रुपयों / किलोग्राम में बिकता है। साल २०२२ में इसका दाम काफी बढ़ गया है। कई हज़ार रुपयों का मुनाफा किसानो को हो रहा है।इस तरह कई एकड़ ज़मीन पर इलाइची के खेती करके भारतीय किसान लाखों रुपए कमा रहे है। 

छोटी इलाइची - दक्षिण इलाकों में पाए जाने वाले  इलाइची को हरी इलाइची या छोटी इलाइची कहते है। यहाँ पर भी किसान मुनाफा कमा रहे है।  यह इलाइची बाज़ारो में १,२०० - २,००० रुपयों / किलोग्राम में मिलता है।  


अगर आप सीधा 'केरला' से इलाइची लेते हो तो आपको काफी सस्ते में मिलेगा | आपको ३००-१००० रुपयों / किलोग्राम के अंदर मिल जायेगा |

बड़ी & छोटी इलाइची का दाम लगभग बराबर है।  

हाला की इस महंगाई के दौर में प्रति किलोग्राम इलाइची का दाम आसमान छू रहा है।  हो सकता है की हमारे द्वारा बताई के कीमत में कोई अंतर हो। इसके लिया हमे खेद है। ज़्यादा डिटेल के लिए इंटरनेट का सहारा अवश्य ले। धन्यवाद !

आशा है की आपको हमारा व्याख्यान समझा होगा।

Thanking You,

A houseship Vlogs .

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