गाय के गोबर से हम कौन से बिज़नेस कर सकते है ?
"विश्व में सबसे ज्यादा गौ पालन करने वाला देश भारत है। पुरे भारत में आज गाय का दूध घर-घर में पिया जाता है। उनका मूत्र , दिल के रोगों से लड़ने में काफी फायदेमंद साबित हुआ है। चिकित्सा के क्षेत्र में गऊ-मूत्र औषधि के रूप में कारगर साबित हुआ है। ये बाते शायद आपको पता होंगी। परन्तु , कभी आपने सोचा है की गाय के गोबर से हम क्या अच्छा काम कर सकते है ? जैसे गाय के दूध से भारत का किसान अपना घर चला रहा है , ठीक वैसे क्या हम उनके गोबर से कोनसा बिज़नेस कर सकते है ? "
आज हम हम आपके इन्हीं सवालों का जवाब देंगे तथा आपका ज्ञान भी बढ़ाएंगे।
१. गाय के गोबर से बर्तन का व्यवसाय।
जी हां दोस्तों, आपने सही सुना ; हम गाय से गोबर से बर्तन भी बना सकते है। दरअसल , गोबर को 'मिटटी के बर्तन' जैसे आकर देके इसे बर्तन समान बना सकते है। इसमें जायदा कुछ निवेश करने की जरूरत नहीं। ग्राहक को हम इसे 'पॉट्स' के रूप में दे सकते है। हम इसे सजावट के तौर पे आपने घर में सजा के रख सकते है। साथ ही गोबर को कई रूप देकर अपना काम बना सकते है। गोबर के पॉट्स और बर्तन ज्यादा बिकने से प्लास्टिक को बढ़ावा काम मिलेगा , देश में रोजगार बढ़ेगा , हमारी संस्कृति की चर्चा पूरी दुनिया में होगी तथा भारतीय किसानों को फायदा मिलेगा जो गऊ- सेवा करते है। पर्यावरण को भी फायदा पहुँचेगा। पानी के संपर्क में आने पर यह पॉट्स (गोबर के बने हुए) जल्दी ख़राब नहीं होते |
२. गाय के गोबर से कैर्री बैग बनाना।
आज का युग प्लास्टिक से भरा हुआ है। अगर प्लास्टिक से छुटकारा पाना है ,तो किसी और चीज़ को उपयोग में लाना पड़ेगा। हम प्लास्टिक के थैले को गोबर के थैले में बदल सकते है तथा उसके इस्तेमाल से पर्यावरण को बचा सकते है।गोबर के थैले हमे किसी पेड़ को काटने की जरूरत नहीं ,बस सिर्फ गऊ सेवा से गोबर को प्राप्त करना है। यह बैग काफी किफायती और कारगर है , किसी चीज़ को उठाने में। यह बैग हलके वजन के होने के साथ आभूषण , कपड़े ,जुटे , वस्त्र और अन्य वस्तुयों को उठाने में शक्षम है। इसे बनाना भी आसान है। इसे आकार देकर , रंग लगाकर हम बाजारों में बेच सकते है।
४. गाय के गोबर से खत बनाना और बेचना।
देसी गाय के गोबर में भरपूर मात्रा में नाइट्रोजन , पोटैशियम और फ़ास्फ़रोस होता है। अगर ये तीनो मिटटी में मौजूद हो तो पौधे को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिल सकते है। दरअसल , किसी भी फसल को विकसित होने में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व चाहिए होता है। इसके लिए हम खत का इस्तेमाल करते है ताकि फसल जल्दी विकसित हो और फल दे। हानिकारक केमिकल के खत जो फसलों को तुरंत विकसित तो कर देते है परन्तु ,उनमें हानिकारक तत्व छोड़ जाते है ,जो आगे चलकर हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते है। गोबर के खत आने से आर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा और मिलावट वाले खत को ठुकराव मिलेगा।
५. गोबर से उपले बनाना और घर के कामों में मदत।
गोबर से उपलों के कई फायदे है। इनको जलाकर 'चूल्हे' में स्थित खाने को पका सकते है। आँगन में अगर मच्छरों का बोल-बाला हो तो उपले को जलाकर उन्हें भगा सकते है। अगर कुछ नहीं बन पा रहा तो उपले को अपने खेत में ज्योत कर उपजाऊ बना सकते हो।
अब हम जानते है की व्यापारिक दृस्टि से कैसे हम फायदे में रह सकते है। दरअसल, अमेज़न या किसी और ऑनलाइन सेलिंग वेबसाइट पे उपले का व्यापर होता है। उपलों को विविध प्रकार के आकार में बदल कर बाज़ारो में बेच सकते है। एक उपले को बेच कर हम करीब-करीब ३ हज़ार रुपए कमा सकते है। इसमें ध्यान रखना है की कंपनी को किस प्रकार के उपले चाहिए होंगे। १ उपले- करीब ३ हज़ार , ऐसे ही आप १० उपले बेचेंगे तो ३० हज़ार होंगे। अब आप पूछेंगे की कोई उदहारण है , किसी ने बेचा है ? ; हां बेचा है ! छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव में रहने वाला शक्श - " राकेश जैस्वाल " जी ने उपलों को आकार देकर , थोड़ा सुन्दर बनाकर अपने एक इंजीनियर दोस्त से अमेज़न पर सेलर बनकर उपलों को बेचा। उन्हें एक उपले बेचकर काफी कायदा पंहुचा ( करीब ३ हज़ार ) । आप भी कमा सकते हो और अपने घर को चला सकते हो। इन उपलों का उपयोग आज पूरी दुनिया को हो रहा है तथा बहुत से लोग इन्हे बेचकर फायदे में रह रहे है।
६. गाय के गोबर से 'बायोगैस' बनाना (ghar mein gas-cylinder ki khapat ka upai )।
बायोगैस का मतलब होता है ' गोबरगैस '। गोबरगैस में कई प्रकार के जैविक पदार्थ होते है। गाय या भैस के मल में कई चीज़े होती है जैसे कार्बन डाइऑक्साइड ,मीथेन और कार्बन के तत्व। यही तत्व आगे चलकर गोबरगैस बनाने में मदत करते है।इसको बनाने में थोड़ा मेहनत लग सक्ता है । दरअसल , हम पहले एक चैम्बर बनाते है , जिसमें गोबर के खाद, सुखी पत्तिया और कचरे डालते है। इसे एक रिसीविंग टैंक जिसमें ये मिक्स होता है , उसका इस्तेमाल होता है। साथ ही डिजस्टर में पंप किया जाता है फिर गोबरगैस का उत्पादन होता है। इसको बनाने के लिए २-३ हफ्तों तक पाचक में रखना पड़ता है । सुनने में यह बहुत ज्यादा वक्त लेने वाला मटेरियल जरूर लग सकता है , पर इसके परिणाम से फायदा भी होगा। वही फिर आगे जाके 'क्रॉप फ़र्टिलाइज़र' के रूप में काम आता है। यही 'गोबरगैस' नेचुरल गैस के रूप में खाना भी पका सकते है। आज के तारीख में भारतीय गोबरगैस को बेचकर भारत के किसान लाखो रुपए कमा रहे है।
गौ माता को बचाना हमारा परम लक्ष्य है। गाय को बचाने में इतना ज्यादा फायदा हे की हम सोच भी नहीं सकते। आज भारत के किसान गौ माता के दिए हुए उपहार से लाखो रुपए कमा रहा है। आप भी कमाइए तथा अपने पड़ोसियों को भी इसे बारे में सूचित करे। हमारा यह व्याख्यान सिर्फ पैसे कमाने के बारे में नहीं था बल्कि गाय के महत्व को समझाना था , ताकि लोग गौ सेवा करे। धन्यवाद !
आशा है, आपको हमारा व्याख्यान अच्छा लगा होगा।
Thanking You,
A houseship vlogs .
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