राजनेता जिन्होंने भारत को विकसित किया।

ऐसे राजनेता जिन्होंने भारत को विकसित किया। 👍

" यदि हम 'राजनेता ' यह नाम सुनते है तो हमे उनके प्रति घृणा का भाव आता है। वे कोई काम समय से पहले नहीं करते,झूठे वादे करते , लोगों को बहलाते , आदि । परन्तु , हमेशा ऐसा नहीं होता।  कुछ ऐसे भी लोगों है जिन्होंने  भारत भूमि में जन्म लिया है , जो भारत का नाम ऊंचे स्थान पे लें गए ।इससे 'राजनीति' यह शब्द सुनने से सकारात्मिक्ता आएगी ,जिससे यह समझता है की अभीभी कुछ ऐसे लोग हे जो अच्छा काम करते हे।  आज हम उन्ही के बारे में थोड़ा जानेंगे। "

 १ .मनीष सिसोदिया - दिल्ली के स्कूलों को ठीक किया। 

   भारत में जहाँ शिक्षा प्राप्ति के लिए हज़्ज़ारो रुपये खर्च करने पड़ते है , वही मनीष सिसोदिया जैसे शौर्यवान व्यक्ति देश की राजधानी में मुफ्त शिक्षा कर दिया है। साल २०१५ में 'आम आदमी पार्टी ' में प्रवेश करने के बाद उन्होंने दिल्ली का रुख बदल दिया। वहाँ के स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर है। लोग महंगे प्राइवेट स्कूलों से नाम कटा कर सरकारी विद्यालयों में एडमिशन ले रहे है। वहाँ की स्कूलों में  स्विमिंग  पूल  से  लेकर  क्रिकेट  ग्राउंड  तक है।

 दरअसल ,२०१५ में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने बड़ी लगन से काम किया। साथ ही उनके कार्यकर्ता भी इस काम में जुट गए। इस साल २०२२-२०२३ में दिल्ली का शिक्षा बजट बढ़ के  16,२७८ करोड़ हो गया है ; इससे गरीब तथा अमीर घर के बच्चे भी शिक्षित हो जयेंगे।  आप पार्टी में आने से लेकर अब तक दिल्ली में काफी बदलाव हुआ। वहा लोगो की हर समस्याओं पे ध्यान दिया जाता है। उनका  मानना है की भ्रस्टाचार कम होगा तो देश आगे बढ़ेगा। उनकी इस प्रशंसा  को न्यूयोर्क टाइम्स ने भी कवर उप किया था। 

१९ अगस्त , २०२२  अमेरिका के ' थे न्यूयोर्क टाइम्स ' अखबार  ने उनके ऊपर एक आर्टिकल भी लिखा था, जो दर्शाता है की दिल्ली की शिक्षा व्यवस्ता कितनी बदल गयी है।

२. के .चंद्रशेखर राओ -   तेलंगाना को  विकसित किया |

 

  के . चंद्रशेखर राओ जो वर्तमान समय यानी २०२२ में  तेलंगाना राज्य में मुख्या मंत्री पद पे स्तापित है | वे ' तेलंगाना मूवमेंट ' के लिए जाने जाते है | इस मूवमेंट के तहत उन्होंने तेलंगाना के हर वर्ग के लोगों के विकास के लिए कार्य किया | 'दलित बंधु ','धारणी',' रऐथु बिमा ','कांति वेदु', 'आसरा पेंशन' , आदि कई सरकारी मदत लोगों को प्रदान की |रुपये के अनुदान के माध्यम से कृषि और बागवानी फसलों के लिए निवेश सहायता प्रदान की गई है | 

रबी (यासंगी) और खरीफ (बरसात) के मौसम के लिए साल में दो बार बीज, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम और अन्य निवेश जैसे इनपुट की खरीद के लिए प्रति   एकड़ 5,000 रुपये भी किसानों को प्रदान की गई है |इससे लोगों में ख़ुशी  का माहौल दिख रहा है |इसके साथ ही 'केसीआर सरकार' ने उनके पैतृक गांव के 2,000 परिवारों को 10-10 लाख रुपये की नौकरी भी दी|

साथ ही उन्होंने उद्योक्तिकरण ,शिक्षा ,स्वास्थ, आदि कई क्षेत्रों में अपना योगदान दिया |शायद इसलिए बड़ी-बड़ी कम्पनिया हैदराबाद आती है | वहॉ का इंफ्रास्ट्रक्चर भारत के बड़े- बड़े शहरों में शुमार है |    

३ . मनोहर पर्रिकर - गोवा राज्य के विकास में योगदान। 

'  IIT बॉम्बे ' से BTECH करने वाले गोवा के मुख्यमंत्री ' श्री मनोहर पर्रिकर ' जी का योगदान हम कैसे भूल सकते है।वे पहले भारत के IITIAN  मुख्यमंत्री थे।  भारत के टूरिज्म स्टेट 'गोवा ' में काफी विकास हुआ है। दरअसल, साल २०१७ में ' पंजी ' शहर में 'आरए पणजी शहर निगम' में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के समक्ष पणजी चर्च स्क्वायर और सीसीपी परिसर के लिए एक व्यापक वास्तुकला और शहरी डिजाइन मास्टर प्लान प्रस्तुत किया गया था। ९६१०  वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र वाली पूरी परियोजना 69 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित की गयी थ।  

आज तो हम जानते ही है की गोवा कितना बदल गया है।  नए-नए निर्माणों के साथ-साथ,आज वहाँ काफी मात्रा में रोजगार के अवसर मिल रहे है। कई राज्यों से लोग वहाँ होटल व्यवसाय, हिस्टोरियन , व्यापार, आदि कामो के लिए नौकरी तलाशते है। १७ मार्च , २०१९ पंजी में उनका देहांत हो गया था। साथ ही साल २०२० में भारत सरकार द्वारा उन्हें 'पद्म भूषण'  से सम्मानित किया गया था। 

४.  मनमोहन सिंह - 1991 में भारत की अर्थव्यवस्था को फिर से उभारा।  ( 1 USD = 22.74 INR)

यदि राजनेताओं  की बात चल रही हो और उसमे डॉ. मनमोहन जी न आए ऐसा तो हो ही नहीं सकता। मनमोहन जी ने भारत की गिरती अर्थव्यवस्था को   वापिस  से उभारा था। दरअसल , साल १९९१  में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने अपना पहला बजट पेश किया, प्रधान मंत्री पी.वी. नरसिम्हा राओ के कैबिनेट में शपथ लेने के ठीक एक महीने बाद।उस समय भारत में भीषण आर्थिक मंदी चल रही थी। १९९०-१९९१ में ' गल्फ वॉर ' यानी खाड़ी देशों में युद्ध के कारण तेल के कीमतों में काफी उछाल दिखा था। उस समय भारत के विदेशी भंडार में $ ६ बिलियन से भी कम  निवेश होने से , देश की जरूरतें पूरा नहीं हो पा रहे थे। उन्होंने 'RBI ' के सहयोग से दो-चरणीय अवमूल्यन कार्यक्रम के साथ शुरुआत की, जिसे पहले प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले नौ प्रतिशत से अवमूल्यन किया गया और फिर दो दिन बाद ग्यारह प्रतिशत तक नीचे लाया गया। इसके कारण व्यापर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ावा दिया गया। साथ ही १ डॉलर - २२.७४ रुपए के बराबर हुआ करता था। 

  डॉ. मनमोहन  सिंह की अधिकार आधारित क्रांति ने भारतीय राजनीति में एक नए युग का निर्माण किया। नागरिकों को भोजन का कानूनी अधिकार, शिक्षा का अधिकार, काम का अधिकार और सूचना का अधिकार सुनिश्चित किया। इससे लोगों को काफी फायदा पहुँचा। 

५. डॉ.  ए.पी.जे अब्दुल कलाम - भारत के मिसाइल मैंन। 

डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलम को आज कौन नहीं जनता। सारा भारत आज उनके नाम को पुकारता हे। उनके इस शौर्य काम को आज पूरा भारत सलाम करता हे।उनके कई उपलब्धिया हे।  पोखरण परीक्षण रेंज में किए गए कई परमाणु परीक्षणों के पीछे कलाम जी  का दिमाग था। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वैमानिकी इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल करने के बाद, कलाम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए। वह जुलाई १९९२  से दिसंबर १९९९  तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव भी रहे। हम जानते हैं की पोखरण-२ का सफल परिक्षण हुआ था। 

साथ ही २००२ में वे भारत के ११ वे राष्ट्रपति बने थे। चीन और पाकिस्तान जो भारत को एक समय पे आखे दिखाते थे , नुक्लेअर मिसाइल परिक्षण के बाद हमने भी उन्हें बता दिया की भारत भी शक्तिशाली देश हैं , हमे भी जवाब देना आता हैं। उन्होंने कई  किताबे भी लिखी ; वे लेखक भी थे। ' विंग्स ऑफ़ फायर ','इग्नाइटेड माइंड ' , ' टर्निंग पॉइंट्स ' , आदि  मशहूर क़िताबों में से हैं। वे एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें  सब पसंद करते थे।  सभी धर्म के लोग उन्हें महान मानते थे। उन्होंने देश को सर्वपरि रखा न की किसी धर्म को। उनकी मृत्यु साल २०१५ ,जुलाई २७ : शिल्लोंग में हुई थी। ऐसे महान लोग हमारे दिलों में हमेशा रहेंगे। जय हिन्द ! 


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