विभिन्न सामग्रियों पर प्रदूषण दर को जानें |

• विभिन्न सामग्रियों पर प्रदूषण दर को जानें |


हमारे देश में कई प्रकार के प्रदूषण होते है। उनमें से वायु प्रदूषण मुख्या है। हर गली महोल्लो में छोटीसी चिंगारी से आग लगने पर वे विशाल रूप धारण कर  लेती है। वही आग फिर कई तरह से पदार्थो को छोड़ती है, जिससे अनेक प्रकार के रोग होते  है। पर कभी सोचा है की वही आग हर वास्तु पे लगी है , हर चीज़  को अपने चपेट में ली  है फिर क्या उनसे निकलने वाले धुएं से बराबर का प्रदूषण होता है ? क्या लकड़ी पे लगनी वाली आग और प्लास्टिक पे लगनी वाली आग से होने वाले प्रदूषण में कोई अंतर  है ? 

आज हम आपके इन्ही चटपटे सवालों का जवाब देंगे। 

• उदाहरणों के साथ अध्ययन करते हैं :

दरअसल, जब आग किसी वस्तु पे लगती है , तो वो उसी वस्तु में से उसी के कणों को धुएं के रूप में छोड़ती है। फिर वही वस्तु में से जले हुए तत्व के कण हवा में घूमते है। इसमें हम आपको बता दे की अगर प्लास्टिक और लकड़ी पे आग लगे तो को ज्यादा प्रदूषण करेगा। दरअसल , इसको नापने के लिए हम '(Air Quality Index)' [AQI] का इस्तमाल करते है। जिसका '[AQI]' ज्यादा वह ज्यादा प्रदूषण करता है तथा उससे निकलने वाले कणों से विभिन्न प्रकार के रोग होते है। साथ ही 'PM' का मतलब पार्टिकल मैटर (particulate matter - number ) होता है ,जो तत्व के हानिकारक कणों के बारे में दर्शाता है।  

जब प्लास्टिक जलता है तो उसमे से  नाइट्रोजन ,सल्फर , १,२,३,ट्राई -फिनाइल बेंजीन ,आदि हानिकारक तत्व वातावरण में मिल जाते है। अगर '[AQI] की बात करे तो वह 'PM 250 ' से ज्यादा रहता है ; यह निर्भर करता है की कोनसा प्लास्टिक  जला है।अगर भरी मात्रा में केमिकल का इस्तेमाल हुआ है ,तो ज्यादा हानिकारक कण होंगे। वही अगर लकड़ी जलती है तो उसमे से कार्बन डाइऑक्साइड (ऑक्सीजन , हाइड्रोजन , आदि छोटे मात्रा में ) और  पानी बाहर निकलता है। इसमें '[AQI]' का स्टार '(PM 10 - PM 2.5) ' होता है 





 AQI=  >Pm 250 high  quality plastic

अन्यथा, यह कम होगा। (यह जली हुई लकड़ियों की संख्या पर भी निर्भर करता है) यह औसत मूल्य है 

AQI= Pm 10 - Pm 2.5 range         

(यह जले हुए प्लास्टिक की संख्या पर भी निर्भर करता है) यह औसत मूल्य है।

 जब प्लास्टिक जलता है तो उसमे से बेंजीन ,नाइट्रोजन ,सल्फर , १,२,३,ट्राई -फिनाइल बेंजीन ,आदि हानिकारक तत्व वातावरण में मिल जाते है |

 वही अगर लकड़ी जलती है तो उसमे से कार्बन डाइऑक्साइड (ऑक्सीजन , हाइड्रोजन , आदि छोटे मात्रा में ) और  पानी बाहर निकलता है |



• और अन्य  उदाहरण : 


 

AQI :Pm 2.5

तंबाकू का धुआँ, खाना बनाना, तेल के दीये जलाना |

 

AQI :Pm 10

निर्माण स्थलों, लैंडफिल और कृषि, जंगल की आग और ब्रश/कचरा जलाने, औद्योगिक स्रोतों से धूल

 

AQI :Pm100

दृढ़ लकड़ी से धूल, कुचलना, मिश्र धातु पीसना (सीसा), आदि |

 

AQI :Pm <1

धूल -मिटटी से साथ-साथ bacteria  और viruses . ये काम है फिर भी  यह  हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं है। 

 

 


• प्रदूषण के मामलों में देशो का हाल :

दुनिया में प्रदूषणों के बहुत प्रकार है। उनमें से वायु प्रदूषण मुख्या है। आज पूरी दुनिया इससे पीड़ित है।  वायु प्रदूषण को रोकना काफी जरूरी है। ऐसा बिलकुल नहीं है की गन्दी हवा सिर्फ बहरी दुनिया में हो ; ऐसा भी हो सकता है की हमारा घर गन्दी हवाओ से भरा हुआ हो। अगर ऐसे ही चलता रहा तो वातावरण में साँस लेने लायक लावा नहीं बचेगी। सल्फर डाइऑक्साइड , कार्बन मोनोऑक्साइड , पार्टिकुलेट  मैटर , लीड , आदि हानिकारक गैस हमारे वायुमंडल को दूषित कर रही है। इसलिए , ये हमारे तथा हमारे राष्ट्र का  कर्तव्य बनता है की हम जिम्मीदारी ले की हम अपने वातावरण को शुद्ध रखे। 

निचे दिए हुए टेबल में कुछ देशो के नाम है जो ज्यादा पर्दूषण करते है तथा जो काम प्रदूषण करते है। उनके AQI बारे में भी बताया गया है। 

ये साल २०२२ का आकड़ा है। 

TABLE ,2022 MOST POLLUTED COUNTRIES AND LEAST POLLUTED COUNTRIES :

सबसे कम प्रदूषण वाले देश |

 अधिक प्रदूषण करने वाले देश |

(AQI calculator – by  US EPA scal Calculator.)

(AQI calculator – by  US EPA scale Calculator.)

नई कैलेडोनिया   = 16 AQI

बांग्लादेश   = 161 AQI

उस वर्जिन इसलैंड्स   19 AQI

चढ़   ~161 AQI

पुएर्तो रीको  = 20 AQI

पाकिस्तान   =156 AQI

केप वेर्डे  = 21 AQI

ताजीकिस्तान  ³ =152 AQI

बोनैरे ,सिंत  उसततियस & सबा  

   =21AQI                                 

इंडिया  =151 AQI

फ़िनलैंड   = 23 AQI

ओमान   = 146 AQI

ग्रेनेडा   = 23 AQI

किर्ग़िज़स्तान   = 138 AQI

बहमास   = 23 AQI

बहरीन  = 136 AQI

ऑस्ट्रेलिया   = 24 AQI

इराक   = ~136 AQI

एस्तोनिया  ³ = 25 AQI

नेपाल   = 126 AQI



• दिया और कैंडल :
अभी हम समझते  है की दिया और कैंडल इनमे से  कौन ज्यादा 'पार्टिकल मैटर' हवा में छोड़ता है। 
साउथ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा २००९  के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि मोमबत्तियों में 'पैराफिन मोम टोल्यूनि' जैसे हानिकारक पदार्थ छोड़ सकता है।
दीयों से जलने वाला तेल भी बैक्टीरिया और कीटाणुओं को मारने में मदत  कर सकता है, जो दिवाली जैसे त्यौहार में बहुत आम हैं।
कैंडल में वैक्स का इस्तमाल होता है जबकि दिए में कापुस और तेल का इस्तमाल होता है। दिया कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में छोड़ता है और कैंडल एसिटिलीन , कार्बन डाइऑक्साइड , अमोनिया , हाइड्रोजन , प्रोपेन ,आदि आदि केमिकल वातावरण में छोड़ता है। 
दिया में तेल अच्छा वाला है तो कब धुआँ (कार्बन डाइऑक्साइड ) हवा में जायेगा। वही कैंडल की बात करे तो वैक्स के तत्व हवा में घूमते है। 



इसप्रकार , दिए को कैंडल से तुलना करे तो वह कैंडल  से कम हानिकारक धुआँ  हवा में छोड़ता  है। हाला की ये तेल पर भी निर्भर करता है की वह कितना कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है जलने के बाद। 
दोनों का [AQI] , pm2.5 के बराबर है । 

Read More :
Read more :
Read more:

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ