एक ऐसा जीव जो बिना ऑक्सीजन के भी धरती तथा अंतरिक्ष में रह सकता है ।
" यु तो दुनिया में आपको कई जीवों के उदहारण मिल जायेंगे जिनके पास अद्भुत खूबी हो। ऐसे ही जीवों के तलाशी में हमें कुछ अद्भुत चीज़ मिली है। आज हम आपको उसी जीव के बारे में बताएंगे। "
उस जीव को किस नाम से जाना जाता है ?
दरअसल , इस जीव की खोज काफी पहले हो गयी थी। इस जीव को 'Tardigrade' नाम से साइंटिस्ट पुकारते है।
उस जीव को किस साइंटिस्ट ने खोजा था ?
इंटरनेट की सहायता से पता चला है की इस जीव को सबसे पहली बार एक जर्मन वैज्ञानिक ने वर्णन किया था , साल १७७३ में । उस जर्मन वैज्ञानिक का नाम " Pastor Geoze " था। साइंटिस्ट pastor इस जीव को "लिटिल वाटर बेयर" के नाम से पुकारते थे।
इस जीव का आकर थोड़ा-थोड़ा भालू जैसा दिखता है और नमी वाले जगह पर रहता है इसलिए शायद साइंटिस्ट Pastor Tardigrade को लिटिल वाटर बेयर जा दर्जा दिया था।
बिना ऑक्सीजन के रहने के साथ-साथ और कौनसे गुण है इस जीव में ?
1 .यह जीव सूर्य से आनी वाली हानिकारक रेडिएशन से बच सकता है तथा काफी हद तक गर्मी( ५० - ६० डिग्री) को भी झेल सकता है।
2 .साथ ही यह जीव करीब २८-३० वर्षों तक बिना पानी के रह सकता है।
यह जीव ठण्ड में भी काफी डटकर रहता है। एक स्टडी के अनुसार Tardigrade -२७१ डिग्री ठण्ड में भी रह सकते है।
3 .इस जीव में तीनो तलों के जीवों जैसा गुण होने के कारण यह - जल , जमीन और हवा में भी रह सकता है।
4 .जितनी बार भी धरती पे विनाश हुआ है , यह जीव उस से भी बच पाया है।उदहारण - धरती से asteroid टकराना।
Tardigrade का आकार और जीवन काल |
साइंटिस्ट के काफी रिसर्च के बाद पता चला है की इस जीव का साइज करीब -(०.०५ मिलीमीटर - ०.१२ मिलीमीटर) है। यह इतना सूक्ष्म है की इंसानी आँखों से दिखा भी नहीं जा सकता। इसे माइक्रोस्कोप से देखा जा सकता है।
यह जीव सक्रिय अवस्था में सिर्फ कुछ सालो तक जीवंत रह सकता है।
(३ से ३० महीना)
सीतनिद्रा(Hibernation) में यह कई दशकों तक जिन्दा रह सकता है।
Tardigrade पे साइंटिस्ट द्वारा एक्सपेरिमेंट।
दरअसल, एक यूरोपियन आर्टिकल के अनुसार उन्होंने इस जीव पे एक एक्सपेरिमेंट किया था। यूरोपियन स्पेस एजेंसी के समूह ने इस जीव को एक्सपेरिमेंट के लिए NASA के मदत से अंतरिक्ष में धरती के चक्कर लगा रहे रॉकेट में छोड़ा था। इसके साथ ही यह रॉकेट यूरोपियन स्पेस एजेंसी के ४० एक्सपेरिमेंट को साथ लेके चक्कर काट रहा था। उस समय इसे अंतरिख के वायुमंडल से अनावृत किया गया था।
# नीचे दिए हुए नतीजे यूरोपियन स्पेस एजेंसी से लिए हुए तथा विविध आर्टिकल्स पे आधारित है। Houseship vlog कॉपीराइट इशू का सदैव पालन करता आया है।
आखिरी नतीजे आने पे पता चला की -
Tardigrade शायद किसी रंग को नहीं पहचान सकता।
यह जीव भीष्म ठण्ड में भी रह सकता है।
यह जीव रेडिएशन से भी बच सकता है।
यह जीव काँटेदार अंडे को निकालता है। , इत्यादि
प्रजातियां - species. #source : Times of India newspaper
अब तक के खोज के अनुसार भालू जैसे दिखने वाले जीव के करीब १,३०० रिश्तेदार यानि प्रजातियां है।
भारत में केरल राज्य में tardigrade का एक प्रजाति पाया गया है। यह जीव "कोचीन यूनिवर्सिटी " से शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया था - 'वदाकारा' जगह पे।
यह प्रजाति केरला में पाया गया था तो इसका वैज्ञानिक नाम - Stygarctus keralensis रखा गया है।
टार्डीग्रेड से इन्सानों को खतरा ।
यह जीव सुक्ष्म होने के साथ-साथ नमी वाले जगह के काफी भीतर पाया जाता है तो इन्सानों से इसका सीधा प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं होता है । हाला की इससे कौनसी बीमारिया होती है ? यह सवाल आज भी वैज्ञानिको के लिए प्रश्न बना हुआ है। यह जीव ज़मीन के नीचले तलों में ज्यादातर पाए जाते है।
कॉकरोच और टार्डीग्रेड , यह दोनों जीव गर्मी को ज्यादा से ज्यादा देर तक सहन कर सकते है । खोजकर्ताओं का मानना है की इस जीव में कई खूबी होने के कारण , यह परमाणु बम के हमले को ज्यादा से ज्यादा देर तक सहन कर सकता है।
इंसान जहाँ प्रकृति के अनुसार अपने आप को ढाल लेता है , वहीं यह प्रकृति के विरुद्ध कुछ खूबियों को दिखाकर अपना गुजरा कर लेता है।
आशा है की , आपको हमारा व्याख्यान समझा होगा।
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1 टिप्पणियाँ
जानकारी के लिए धन्यवाद।बहुत ही सरल तारिके से आपने समझाया है👌🙏। य.प्र.।
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