जानिए भारतीय न्यायालय, उच्च न्यायालय,न्यायालय तथा भारत के न्याय व्यवस्था के बारे में कुछ रोचक बातें+ extra knowledge

 जानिए भारतीय उच्च न्यायालय,न्यायालय तथा भारत के न्याय व्यवस्था के बारे में कुछ रोचक बातें। 


" आपने कोर्ट-कचेरी के बारे में तो जरूर सुना होगा। आजकल घोर कलियुग में इसका बोल-बाला बहुत चल रहा है। जैसे यमराज के पास हमारे सभी कर्मों का लेखा-जोखा  होता है ;  हमे कौन-सी सजाए मिलेंगी इसका भी व्याख्यान होता है और उसी प्रकार हम दुःख भोगते है ।  वैसे ही कोर्ट में ''जज' के निर्देशानुसार हमे क़ानूनी गलतियों के तौर पे सजाए मिलती है। 
आज हम आपको भारतीय न्यायालय के बारे में कुछ रोचक बातें और तथ्य बताएंगे। "

• भारत में सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाला केस कौनसा था ?

"केशवानंद भारती VS केरल सरकार " का केस भारत में लम्बे समय तक चलने वाला केस था।


यह सुनवाई करीब ६८ दिनों तक चली थी ।  दरअसल ,साल १९७३ ,२४ अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट  ने एक यादगार निश्चय सुनाया था। उस वक्त कोर्ट में कुल १३ जजों की बेंच ने वर्डिक्ट दिया था। 

वही अगर उत्तर प्रदेश में स्थित "राम मंदिर "  के केस की बात करे तो ,वो केस लगभग ४० दिनों तक चला थी । साथ ही तीसरे सबसे लम्बे सुप्रीम कोर्ट केस की बात करे तो,वो " आधार कार्ड के संवैधानिकता " पर लड़ा गया था। यह केस करीब ३८ दिनों तक चली थी।

भारत में कुल कितने केसेस पेंडिंग(केसेस की सुनवाई न होना ) है ?

इंटरनेट की सहायता से पता चला है की सभी प्रकार और उच्च लेवल की केसेस की बात करे तो, 2022 में ,भारत में कुल मिला के,लगभग ५ करोड़ केसेस की सुनवाई नहीं हुई है।  इनमें से अधिक तर केसेस "डिस्ट्रिक्ट कोर्ट" में अटके हुए है। 

भारत के किन-किन  राज्यों में हाई कोर्ट उपस्थित नहीं है ?

दरअसल , गोवा , असम,अरुणाचल प्रदेश , मिजोरम , मेघालय ,त्रिपुरा,और नागालैंड  भारत के कुछ ऐसे राज्य है जिनके पास खुदका कोई हाई कोर्ट उपस्थित नहीं है। 

भारत में " The Youngest  Female  Judge  " किसे कहा गया है ?


भारत में " The Youngest  Female  judge  ",  ' फातिमा बीवी ' जी को कहा गया है। वे  मुस्लिम जज थी तथा उनका जन्म साल १९२७ , ३० अप्रैल में हुआ था। फातिमा बीवी जी आगे जाके भारत की प्रेजिडेंट भी बनी साल १९८३ , ४ अगस्त में। साल १९८९ , ६ अक्टूबर को बीवी जी को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। 

विभिन्न कोर्ट में जज बनने के लिए  न्यूनतम आयु ?

Court Name

Minimum Age to Join

Supreme Court

55 years + 5 years of serving in high courts or

Two or more courts…

District Court

21-35 years + Indian Citizens(depend on states)

Both Civil & Criminal courts.

High Court


+21years + Indian citizens appointed by

 'Indian Judiciary  Service Exam ' or

State judiciary sevice exam.

Tribunal

Appointed by “Judicial Appoinments

 Commission”.

LokAdalat/ Village Court


18+ age

अभी तक कितने भारतीय न्यायाधीशों ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय [ICJ] में अपनी पेशी दी है ?

भारत के तरफ से कुल मिलाके १५ जजों ने अंतर्राष्ट्रीय  न्यायालय में अपनी पेशी दी है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीयों का डंका बजाया है। उन्होंने करीब ९ साल अपना कार्यकाल संभाला था, United Nation General assembly और United Nation Security Council में।

ICJ देशों के बीच मतभेद और झगड़ो को सुलझाता है।भारत अबतक ६ बार ICJ में केस लड़ने की अपील की थी तथा जा भी चूका है ।  

• "अंतराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय [ICC]" क्या है ? 

आपको बता दे की  "अंतराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय [ICC] " एक संस्था है, जो अंतराष्ट्रीय आपराधिक मामलो को सुलझाता है।(Headquarter-Netherlands)

अभी तक १२३ देशों ने ICC में भाग लिया है। पर इनमें कई ऐसे भी देश है जिन्होंने दुरी बनाके रखी है। जैसे - रूस,इंडिया ,चीन,अमेरिका,यूक्रेन , आदि देश। भारत ने भी इस संस्था में कोई भी रूचि नहीं दिखाई है |

युद्ध , नरसंहार , मानव तस्करी , आदि मामलो को ICC सुलझाता है। अभी तक १२४  देशों ने ICC में भाग लिया है। आखरी बार 'मलेशिया' देश ने इस संस्था में हिस्सा लिया था, साल २०१९, ४ मार्च को  । 

 इनमें भारत ने ICC में  हिस्सा नहीं लिया है। भारत का मानना है की ICC हमारी सम्प्रभुता के लिए खतरा है। 

 क्युकी ICC के टर्म्स & कंडीशन के हिसाब से वह किसी भी देश में क़ानूनी तहकीकात कर सकता है ,जब कोई  देश अपने यहाँ बराबर से किसी केस की सुनवाई न कर रहा हो , केस को सुलझा न रहा हो ,उनकी खोज-तलाश  में कोई चूक हो , आदि।    

इसलिए, भारत को लगा की ICC हमारी सम्प्रभुता के लिए खतरा है।


कुछ अंतर्राष्ट्रीय बातें :


किस देश के पास सबसे अच्छी न्याय प्रणाली व्यवस्था होने का ताज है ?

दरअसल, "वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट रूल ऑफ लॉ इंडेक्स 2021"  के अनुसार डेनमार्क,नॉर्वे और फ़िनलैंड के पास सबसे अच्छी न्याय प्रणाली है। इस सर्वे में कुल १४० देशों को शामिल किया गया था। इनमें से डेनमार्क ने उच्च स्थान(1th रैंक ) पे अपना अस्तित्व रखा है ,यानि डेनमार्क के पास दुनिया में सबसे अच्छी जस्टिस सिस्टम हैं। 


न्याय प्रणाली के मामलों में भारत तथा पडोसी देशों के कैसे हालात है ?

Countries name

Countries ranking according to World Justice Project , 2022

India

77th

pakistan

129 th

China

95 th


Bangladesh

127 th

Afghanistan

138 th

Nepal

69 th










एशिया का सबसे बड़ा हाई कोर्ट कौनसा है ?

एशिया का सबसे बड़ा या कहे तो विशाल हाई कोर्ट " The High  Court  of  Chattisgarh  " नाम से मशहूर है। यह कोर्ट भारत में  मौजूद है।   बिलासपुर, 'बोदरी गांव ' नाम के जगह पे ये कोर्ट  स्थित है । [रायपुर-बिलासपुर एक्सप्रेसवे]। 

किस देश के पास खुदका सुप्रीम कोर्ट उपस्थित नहीं है ?

नॉरू ' दुनिया का ऐसा देश है जिसके पास खुदका कोई सुप्रीम कोर्ट नहीं है। ये देश विश्व में तीसरा सबसे छोटा क्षेत्रीय-इलाकों वाला देश है।यह देश एक द्वीप है,जो की प्रशांत महासागर से घिरा हुआ है  तथा ये ऑस्ट्रेलिया देश के नजदीक स्थित है। इस देश की एक आश्चर्य बात यह है की इसकी कोई आधिकारिक राजधानी भी नहीं है।  

अब आपके मन में एक सवाल आएगा की 'नॉरू' देश में तो कोई कोर्ट नहीं है! तो फिर वहाँ के लोग केस कहाँ लड़ते होंगे ?

दरअसल ,साल १९७६ में 'नॉरू' और 'ऑस्ट्रेलिया' के बीच एक समझौता हुआ था की जो कोई भी केस नॉरू देश में आएगा ,वह 'High Court of Australia' में जायेगा। यानि नॉरू देश के निवासी ऑस्ट्रेलिया के हाई कोर्ट में अपील कर सकते है , दोनों 'आपराधिक' और 'दीवानी मामले',में । 

संक्षेप में कहे तो 'नॉरू' देश के जितने आंतरिक कोर्ट के मामले  है ,वे सीधा जाके ऑस्ट्रेलिया के हाई कोर्ट में  निपटेंगे , हल होंगे । 

किन-किन देशों में हत्या-जुर्म करने पर मृत्यु दंड नहीं है ?

 साल , २०२२ की बात करे तो 98+ ऐसे देश है जिन्होंने आपराधिक जुर्म पे मृत्यु दंड की सजा हटा दी है या मृत्यु दंड के जगह आजीवन कारावास  कर दिया है। 


इनमें से अधिक तर देश पश्चिमी यूरोप,अमेरिका (सिर्फ कुछ जगह),ब्राज़ील , कज़ाकिस्तान ,पापुआ न्यू गयाना,मध्य अफ़्रीकी देश,आदि है।  

इन सभी में से यूरोप का "सैन  मारिनो" एक ऐसा देश है जिसने सबसे पहली बार अपने देश में मृत्यु दंड पे पाबन्दी लगा दी थी , साल १८६५ में । 

आशा है , की आपको हमारा व्याख्यान समझा होगा।  

अधिक ऐसे ही ज्ञान  के लिए हमारे ब्लॉग को अवश्य पढ़े। 

Thanking You,

A houseship vlogs.

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